आयुर्वेद के अनुसार "लंघनम महाऔषधम" यानी उपवास ऎसी औषधि है जो दुनिया में कहीं नहीं मिलती। इससे विषैले तत्व दूर होकर शरीर शुद्ध होता है। इससे रोग आए दिन परेशान नहीं करते और लंबी आयु प्राप्त होती है। उपवास स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है जबकि व्रत आध्यात्म की दृष्टि से किया जाता है। नेचुरोपैथी में उपवास की प्रक्रिया में शरीर से विषैले पदार्थो को दूर करने के लिए व्यक्ति को किसी एक प्रकार के खानपान जैसे फलाहार या लिक्विड डाइट आदि पर रखा जाता है।
लाभ ::
उपवास के दौरान डिटॉक्सीफिकेशन से रक्तसंचार दुरूस्त होकर बाल काले रहते हैं। त्वचा में चमक बढ़ती है, शरीर का तापमान सामान्य रहता है और एसिडिटी, रूमेटिक आर्थराइटिस जैसे रोगों में आराम मिलता है। ( शेष: )

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