tag:blogger.com,1999:blog-42723137456522512842024-03-05T10:21:41.361+05:30Health Science .inLeading the World to a Better Health...Unknownnoreply@blogger.comBlogger986125tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-19873118333245317142018-03-03T08:28:00.001+05:302018-03-03T08:28:59.030+05:30किसका दूध है सबसे सेहतमंद - गाय का या भैंस का ?<p dir="ltr">कुछ लोग कहते है कि भैंस का दूध ज्‍यादा लाभदायक होता है जबकि कुछ लोगों का मानना है कि गाय के दूध में ज्‍यादा पोषक तत्‍व होते हैं। हर प्रकार के दूध में पोषक तत्‍वों की भरमार होती है, बस उम्र और शरीर की आवश्‍यकता के हिसाब से इसका उपयोग किया जाता है।</p>
<p dir="ltr">भैंस: कैलोरी - 97, प्रोटीन- 3.7 ग्राम, फैट 6.9 ग्राम, पानी- 84 प्रतिशत, लैक्‍टोस 5.2 ग्राम, खनिज लवण- 0.79 ग्राम</p>
<p dir="ltr">गाय: कैलोरी- 61, प्रोटीन- 3.2 ग्राम, फैट 3.4 ग्राम, पानी 90 प्रतिशत, लैक्‍टोस - 4.7 ग्राम, खनिज लवण- 0.72 ग्राम।</p>
<p dir="ltr">अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो गाय का दूध ज्‍यादा फायदेमंद होता है। इसके 100 मिली. दूध में सिर्फ 61 कैलोरी होती है जबकि भैंस के 100 मिली. में 97 कैलोरी होती है। भैंस के दूध में (6.9 ग्राम वसा) गाय के दूध से (3.4 ग्राम वसा) ज्‍यादा वसा होता है।</p>
<p dir="ltr">अगर आप अपना वजन और मासपेशियां बढाना चाहते हैं, तो भैंस का दूध आपके लिये अच्‍छा है। भैंस के दूध में गाय के मुकाबले अधिक प्रोटीन होता है, जो कि मासपेशियां बढाने में मददगार है।</p>
<p dir="ltr">अगर आपको पाचन संबंधित समस्‍या है तो गाय के दूध का सेवन करें। यही कारण है कि नवजात बच्‍चों को गाय का दूध दिया जाता है क्‍योंकि यह आसानी से पच जाता है। जबकि भैंस का दूध भारी होता है और पचने में गाय के दूध की अपेक्षा अच्‍छा नहीं होता है क्‍योंकि इसमें पानी की मात्रा कम होती है।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-35876355636877491782018-03-01T08:14:00.001+05:302018-03-01T08:14:03.630+05:30क्यों अधिक अचार खाने से स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर : कारण<p dir="ltr">अधिक तेल ::<br>
आचार बनाने के लिए ज्यादा तेल का इस्तेमाल होता है। इससे जिस भी सब्ज़ी का इस्तेमाल हो रहा है वह किसी भी तरह के बैक्टीरिया और फंगस से बचा रहता है, साथ ही जल्दी ख़राब भी नहीं होता है। लेकिन यही तेल आचार ज्यादा खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ाता है, जिससे आगे चलकर लिवर और हृदय की बीमारियां हो सकती हैं।</p>
<p dir="ltr">ग्रासनलीय कैंसर का खतरा ::<br>
ज्यादा आचार खाने से ग्रासनलीय कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इससे गले में खराश और दर्द की भी शिकायत रहती है।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-26012599360404114652018-02-28T08:04:00.001+05:302018-02-28T08:04:00.475+05:30क्यों अधिक अचार खाने से स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर : कारण<p dir="ltr">अचार भारतीय व्यंजनों का एक अभिन्न हिस्सा है। वैसे तो आचार खाने में बड़ा चटपटा होता है लेकिन अगर इसे हद से ज्यादा खाया जाए तोह इसके नुकसान भी उतने ही होते हैं। </p>
<p dir="ltr">अधिक नमक ::<br>
आचार में नमक की मात्रा काफी अधिक होती है। बाज़ार में मिलने वाले आचार में तो इसकी मात्रा काफी अधिक होती है साथ ही उनमें केमिकल का भी प्रयोग होता है। जिसमें सबसे ज्यादा खतरनाक है सोडियम बेंजोएट। सोडियम बेंजोएट को ज्यादा खाने से कैंसर तक की शिकायत हो सकती है। इसलिए जितना हो सके कम आचार खाएं और अगर यह घर का बना हुआ है तो और भी अच्छा है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-19441055257980172772018-02-23T08:50:00.001+05:302018-02-23T08:50:10.085+05:30रात में क्यों करना चाहिए जल्दी भोजन।<p dir="ltr">आइये जाने कारण कि क्यों हमें जल्दी भोजन करना चाहिए।</p>
<p dir="ltr">एसिडिटी से बच सकते हैं ::<br>
देर रात खाना खाने से शरीर में एसिडिटी बनने लगती है जिससे आगे चल कर हृदय संबंधित परेशानी शुरू हो सकती है। जितना हो सके सोने से दो घंटे पहले भोजन कर लें और रात का भोजन हल्का ले जो आसानी से पच जाए।</p>
<p dir="ltr">सोने और खाने के बीच पर्याप्त अंतर रखें ::<br>
खाने के बाद तुरंत सोने से आप ठीक से सो भी नहीं पाएंगे क्योंकि आपका पेट खाने से भरा होता है और हमारा शरीर उसे पचा रहा होता है। उस वक़्त सोने से हमारा पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। इसलिए खाना खाकर और सोने में 1-2 घंटे का अंतराल रखें और इस अंतराल में थोड़ी सैर कर लें जिससे खाना अच्छे से पच जाए।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-62990381293167337942018-02-22T08:10:00.001+05:302018-02-22T08:10:43.969+05:30रात में क्यों करना चाहिए जल्दी भोजन।<p dir="ltr">प्रकृति ने हमारे लिए कुछ नियम बनाये हैं जिनका अगर हम पालन नहीं करते हैं, तो उसके नतीजे भी हमें ही भुगतने पड़ते हैं। सुबह जल्दी उठो, समय से नाश्ता करो, समय से भोजन करो और समय से सो जाओ। क्या हम ये सब करते हैं, नहीं। इसलिए आज हमें इतने सारे रोगों ने घेर रखा है। ना हम समय से उठते हैं ना समय से भोजन करते हैं।</p>
<p dir="ltr">भोजन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इससे हमे शक्‍ति मिलती है और हम अच्छे से काम कर पाते हैं। लेकिन अगर यही बिगड़ जाए तो हम बीमार और आलसी हो जाते हैं। रात का खाना हमे जितना हो सके जल्दी कर लेना चाहिए। इससे हमारे शरीर में कब्ज़ और एसिडिटी की शिकायत नहीं रहती है और नींद भी अच्छी आती है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-18937701520871137312018-02-20T09:15:00.001+05:302018-02-20T09:15:45.178+05:30क्या दही खाने से ठीक हो सकती है एसिडिटी?<p dir="ltr">एसिडिटी की समस्‍या तब पैदा होती है जब पेट में खाना पचाने वाला अम्‍ल (Acid) जरुरत से ज्‍यादा बनने लगे और रोगी के सीने या छाती में जलन पैदा करे। अगर आपको भी एसिडिटी की गंभीर समस्‍या है तो मसालेदार और भारी भोजन खाने से बचें क्‍योंकि यह एसिडिटी को और भी ज्‍यादा बढ़ावा देता है।</p>
<p dir="ltr">दही एक डेयरी प्रोडक्‍ट है जो कि दूध को जमा कर बनाई जाती है। दूध में काफी मात्रा में कैल्‍शियम पाया जाता है, जो कि एसिड बनने से रोकता है और एक दवा के रूप में काम करता है। दही में मौजूद अन्य पोषक तत्व आसानी से पच जाते हैं। साथ ही दही खाए गए अन्‍य खाद्य पदार्थों के पोषक तत्‍वों को भी अवशोषित करने में सहायक होती है, जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है। दही में प्रोबायोटिक होता है, जो खाने पचाने में मदद करता है और एसिडिटी नहीं होने देता। इसलिये अपने भोजन में दोपहर के समय दही को जरुर शामिल करें।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-36152189414965020272018-02-14T08:24:00.001+05:302018-02-14T08:24:02.001+05:30हीमोग्लोबिन Haemoglobin<p dir="ltr">ज्यादातर मामलों में, कम हीमोग्लोबिन कम लाल रक्त कोशिकाओं की वजह से हो सकता है। हीमोग्लोबिन में गिरावट का कारण जानकर और डॉक्टर से परामर्श करने के बाद, आप इन घरेलु नुस्खों को आज़मा सकते हैं।</p>
<p dir="ltr">आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का करें सेवन ::<br>
राष्ट्रीय एनीमिया एक्शन कॉउंसिल के अनुसार,आयरन की कमी हीमोग्लोबिन के स्तर के कम होने का सबसे प्रमुख कारण है। ज्ञात हो कि आयरन हीमोग्लोबिन उत्पादन में एक महत्वपूर्ण तत्व है। पालक, बादाम, खजूर, मसूर, पौष्टिक नाश्ता, अनाज, बादाम, कस्तूरी और शतावर कुछ वो चीजें हैं जिनमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। अतः आप आयरन बढ़ाने के लिए इनका सेवन कर सकते हैं। आप आयरन सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-45601615475209111482018-02-13T11:48:00.001+05:302018-02-13T11:48:08.806+05:30हीमोग्लोबिन Haemoglobin<p dir="ltr">अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत ज़्यादा घट जाती है तो आप एनीमिया से भी पीड़ित हो सकते हैं और इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। महिलाओं में गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होना एक आम बात है। लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। सबसे आम कारण है लौह पोषक तत्वों की कमी यानी की आयरन डेफिशियेंसी, फोलिक एसिड, विटामिन सी और बी12 की कमी।</p>
<p dir="ltr">हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने के और कारण भी हो सकते हैं जैसे कि सर्जरी के कारण अत्यधिक खून का बहना, लगातार रक्त दान, बोन मेरो की बीमारियां, कैंसर, गुर्दों की समस्याएं, गठिया, मधुमेह, पेट के अल्सर और पाचन तंत्र की अन्य बीमारियां। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-3631824710117605652018-02-12T08:24:00.001+05:302018-02-12T08:24:34.604+05:30हीमोग्लोबिन Haemoglobin<p dir="ltr">हीमोग्लोबिन स्वस्थ जीवन जीने के लिए इतना महवपूर्ण है तो ये ज़रूरी है कि आपके खून में इसकी मात्रा सही रहे। इसकी सही मात्रा कुछ इस प्रकार है :<br>
14 से 18 मिलीग्राम व्यस्क आदमियों के लिए<br>
12 से 16 मिलीग्राम व्यस्क औरतों के लिए</p>
<p dir="ltr">जब हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है तो आपका शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है। आप थकान, कमजोरी, सांस का फूलना, चक्कर आना, सिर दर्द, पीली त्वचा, भंगुर नाखून, तेजी से दिल की धड़कन और भूख न लगने के शिकार हो सकते हैं। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-17957234695077970852018-02-10T08:45:00.001+05:302018-02-10T08:45:43.409+05:30हीमोग्लोबिन Haemoglobin<p dir="ltr">हीमोग्लोबिन हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। हीमोग्लोबिन हमारी रक्त कोशिकाओं में मौजूद लौह युक्त प्रोटीन है। ये प्रोटीन हमारे शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को संतुलित करता है। इसका मुख्य काम हमारे फेफड़ों से ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाना है ताकि हमारी जीवित कोशिकाएं सही से काम कर सकें। हीमोग्लोबिन हमारी कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाने का भी काम करता है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-60860708386262101272018-01-01T07:19:00.001+05:302018-01-01T07:19:36.655+05:30आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2Cyml3Aifzy_8ecGN2ie8DyfXW9f8VorVn2Rn_UNgUHGl33JmpzddHXK6tlEnPBHDNAHARPVR1OZbqnymyxoa3JY7sESE-c6R6G9i5OpfdUfvSH7MUbWVqv5G_b0wzbEYPbOOabS8I8cZ/s1600/IMG_20171231_234022_20171231235358471_20180101001358458.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"> <img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2Cyml3Aifzy_8ecGN2ie8DyfXW9f8VorVn2Rn_UNgUHGl33JmpzddHXK6tlEnPBHDNAHARPVR1OZbqnymyxoa3JY7sESE-c6R6G9i5OpfdUfvSH7MUbWVqv5G_b0wzbEYPbOOabS8I8cZ/s640/IMG_20171231_234022_20171231235358471_20180101001358458.jpg"> </a> </div><div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-39630176927485152272017-12-30T10:07:00.001+05:302017-12-30T10:07:15.395+05:30पोहा खाने के स्वास्थ्य लाभ<p dir="ltr">2. एनर्जी से भरा ::<br>
आपका ब्रेकफास्‍ट हेल्‍दी होने के साथ एनर्जी देने वाला भी होना चाहिये। लंच टाइम तक आपको अगर एनर्जी से भरा रहना है तो पोहा खाएं।</p>
<p dir="ltr">3. इसमें आयरन होता है ::<br>
पोहे में काफी सारा आयरन पाया जाता है। दूसरे शब्‍दों में कहें तो यह शरीर में आयरन की कमी को पूरा भी करता है। इसे प्रेगनेंट महिलाएं और छोटे बच्‍चे नियमित रूप से खा सकते हैं। शरीर में हीमोग्‍लोबिन बढाने के लिये पोहा जरुर खाना चाहिये। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-26331409418988992342017-12-29T11:11:00.001+05:302017-12-29T11:11:06.432+05:30पोहा खाने के स्वास्थ्य लाभ<p dir="ltr">पोहा एक आम सी डिश है जिसे हम सभी ज्‍यादातर नाश्‍ते के रूप में खाना पसंद करते हैं। पोहे की रेसिपी चूड़े से बनती है, जिसे खाने के कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होते हैं। पोहे को ना केवल उत्‍तर भारत में ही खाया जाता है बल्‍कि इसे भारत के हर हिस्‍से में पसंद किया जाता है। आप इसे बनाते वक्‍त इसमें ढेर सारी सब्‍जियों का भी प्रयोग कर सकती हैं। जो लोग वेट लॉस डाइट पर हैं, वे भी पोहा का सेवन नियमित रूप से कर के अपना वजन घटा सकते हैं। </p>
<p dir="ltr">आइये जानते हैं पोहा खाने के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ</p>
<p dir="ltr">1. यह आसान से पच जाता है।<br>
यह शरीर द्वारा आसानी से पच जाता है इसलिये इसे ब्रेकफास्‍ट में खाया जाना चाहिये। इसे खाने से पेट कभी भारी नहीं लगता। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-54630056475740277442017-12-28T09:50:00.001+05:302017-12-28T09:50:14.060+05:30रोज़ रोज़ भोजन छोड़ने पर शरीर को भुगतना पड़ता है ये सब।<p dir="ltr">4. आप मूडी बन जाते हैं ::<br>
जब आप खाना नहीं खाते हैं तो आपके हार्मोन में परिवर्तन आता है जिससे आपका मूड बदलता रहता है। भूख लगने से लोगों को गुस्‍सा आता है।</p>
<p dir="ltr">5. ओवरईटिंग ::<br>
जब आप सारा दिन भूखे रहते हैं तब आपका शरीर खूब सारे भोजन की डिमांड करने लगता है। इससे आप अति से ज्‍यादा खा लेते हैं क्‍योंकि आपका शरीर खाना ना मिलने की वजह से प्राकृतिक हार्मोन जो पेट भर जाने पर दिमाग को सिगनल देता है, वह धीमा पड़ जाता है।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-17172213152090131012017-12-27T09:34:00.001+05:302017-12-27T09:34:00.239+05:30रोज़ रोज़ भोजन छोड़ने पर शरीर को भुगतना पड़ता है ये सब।<p dir="ltr">2. पाचन समस्‍या ::<br>
जब आपका भोजन अनियमित हो जाता है, तो इससे आपके पेट पर भी असर पड़ना शुरु हो जाता है। यदि अच्‍छा पाचन तंत्र चाहिये तो दिन में तीन बार ठीक उसी समय पर खाना चाहिये।</p>
<p dir="ltr">3. थकान ::<br>
मील छोड़ने से आपके शरीर का मैटाबॉलिज्‍म कमजोर पड़ जाता है, जिससे आप हर वक्‍त थका हुआ महसूस करते हैं। आपके मील में कुछ मात्रा में कैलोरी होती है जो आपको एनर्जी देती है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-89967875426894706802017-12-26T09:53:00.001+05:302017-12-26T09:53:10.301+05:30रोज़ रोज़ भोजन छोड़ने पर शरीर को भुगतना पड़ता है ये सब।<p dir="ltr">आइये जानते हैं कि रोज-रोज भोजन छोड़ने पर हमारे शरीर को कौन-कौन सी समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है।</p>
<p dir="ltr">1. हार्मोन में आता है बदलाव ::<br>
जब आप अपना मील स्‍किप करना शुरु कर देते हैं तो आपके हार्मोन में परिवर्तन आने लगता है। आपका कोर्टिसोल बढ़ता है, जो तनाव का कारण बनता है। साथ ही आपका इंसुलिन लेवल बढ़ जाता है जिससे ब्‍लड शुगर की समस्‍या और मोटापे की समस्‍या शुरु हो जाती है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-77108782430909177282017-12-25T08:47:00.001+05:302017-12-25T08:47:02.512+05:30रोज़ रोज़ भोजन छोड़ने पर शरीर को भुगतना पड़ता है ये सब।<p dir="ltr">आजकल अधिकतर लोग अपना भोजन छोड़ देते हैं। भले ही वह ऑफिस जाते हो या फिर घर पर ही रहते हो, खाना ना खाना मानों उनकी दिनचर्या का हिस्‍सा बन चुका है। ऑफिस के लिये लेट हो रहे हों तो नाश्‍ता नहीं करते, डाइटिंग पर हैं तो भोजन नहीं करते और अगर खाना खाने के समय भूख न लगे तो उसे भी छोड़ देते हैं।</p>
<p dir="ltr">भोजन न करने से आपको हजार तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप अपने शरीर को भोजन नहीं देंगे तो वह कोई भी कार्य ठीक प्रकार से नहीं कर पाएगा। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-5910840276270592662017-12-22T08:42:00.001+05:302017-12-22T08:42:17.435+05:30च्यवनप्राश : लाभ, दुष्प्रभाव और कैसे करें इसका इस्तेमाल<p dir="ltr">च्यवनप्राश किस तरह से आपको जवान रहने में मदद करता है ::<br>
ज्ञात हो कि झुर्रियाँ, महीन रेखाएं और सफ़ेद बाल बुढ़ापा आने के सूचक हैं। च्यवनप्राश में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जिससे ये आपको जवान रहने में मदद करता है। <br>
शारीरिक दृष्टिकोण से, च्यवनप्राश के काम करने की विधि कुछ इस प्रकार है:<br>
*कोशिकाओं की उम्र नहीं बढ़ने देता।<br>
*शरीर के ऊतकों के पोषण स्तर में सुधार लाता है।<br>
*मुक्त कणों से होनेवाले नुकसान से आपकी त्वचा की रक्षा करता है।<br>
*पाचन शक्ति बढ़ाता है ( जो ख़ूबसूरत त्वचा पाने के लिए महत्वपूर्ण है )<br>
*आपके शरीर के गहरे उतकों को ऑक्सीजन की कमी से बचाता है।<br>
*स्मृति, एकाग्रता और सतर्कता में वृद्धि करता है।<br>
*आपके शरीर के इम्यून सिस्टम में सुधार और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।<br>
*आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को मज़बूत करता है।<br>
*जुकाम और संक्रमण से आपकी रक्षा करता है।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-34255253713882437182017-12-21T07:29:00.001+05:302017-12-21T07:29:47.874+05:30च्यवनप्राश : लाभ, दुष्प्रभाव और कैसे करें इसका इस्तेमाल<p dir="ltr">च्यवनप्राश के चमत्कारी गुणों के बारे में कौन नहीं जानता। इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों वाले टॉनिक में अद्भुत स्वास्थ्य लाभ छिपे हुए हैं। यह माना जाता है कि च्यवनप्राश की खोज 'च्यवन' नामक एक ऋषि द्वारा की गयी थी। उन्होंने ही पहली बार, अपने यौवन और आयु को बढ़ने के लिए इस चमत्कारी टॉनिक की खोज की थी।<br>
च्यवनप्राश में एंटी एजिंग तत्व मौजूद हैं जो पूरी तरह से हर्बल हैं। इसमें आंवला मुख्य सामग्री है जो बेहद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-6439994708747444252017-12-18T08:26:00.001+05:302017-12-18T08:26:35.868+05:30सेहत और सौंदर्य के साथी हैं विटामिन्स<p dir="ltr">विटामिन-के ::<br>
इस विटामिन की चर्चा बहुत कम होती है। माना जाता है कि इसका मुख्य कार्य खून बहने के दौरान उसे जमने में मदद करना है। जिन लोगों में इस विटामिन की कमी होती है, यदि उन्हें चोट लग जाये तो बहते हुए खून को रोकना कठिन हो जाता है। विटामिन के से हड्डियां मजबूत होती हैं और हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। यह विटामिन हरी पत्तेदार सब्जियों, गोभी, अन्य रंग-बिरंगी सब्जियों, सोयाबीन और जैतून के तेल, अंडा में पाया जाता है।</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-21767932289133471162017-12-16T07:51:00.001+05:302017-12-16T07:51:06.521+05:30सेहत और सौंदर्य के साथी हैं विटामिन्स<p dir="ltr">विटामिन-ई ::<br>
स्किन एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ विटामिन ई काफी आवश्यक होता है। कारण, यह त्वचा में चमक और नमी बनाए रखने में सहायक होता है। इसकी कमी से त्वचा की प्राकृतिक चमक कम हो जाती है और त्वचा झुर्रीदार व धब्बेदार हो जाती है। यही नहीं इसकी कमी से त्वचा का रंग भी बदलने लगता है। इसकी पूर्ति के लिए अपने आहार में वेजीटेबल ऑयल, मूंगफली, अनाज, चोकरयुक्त आटा, काजू, बादाम, खजूर, नारियल पानी, मक्खन, दूध, घी आदि और हरी सब्जियों जैसे मेथी, पालक को अवश्य शामिल करें। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-76744398912180367482017-12-15T09:46:00.001+05:302017-12-15T09:46:08.294+05:30सेहत और सौंदर्य के साथी हैं विटामिन्स<p dir="ltr">विटामिन-डी ::<br>
वैसे तो यह विटामिन सूर्य की रोशनी से स्वत: मिलता रहता है लेकिन अधिक देर तक धूप में रहना त्वचा के रंग-रूप के लिए अच्छा नहीं रहता। यही नहीं इस विटामिन की कमी से चेहरे पर समय से पूर्व प्रौढ़ता आ जाती है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और अनिद्रा की शिकायत होने लगती है। इसलिए दूध, दही, पनीर, मटर, अंडा आदि को अपने आहार में अवश्य सम्मिलित करना चाहिए। अगर भोजन के द्वारा शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा न पहुंच रही हो तो अपने चिकित्सक से परामर्श करके इसकी टैबलेट खानी चाहिए। वैसे विटामिन डी उन्हीं खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है जिनमें विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-71089224310726640682017-12-14T08:19:00.001+05:302017-12-14T08:19:38.784+05:30सेहत और सौंदर्य के साथी हैं विटामिन्स<p dir="ltr">विटामिन-सी ::<br>
इसकी कमी से जुकाम, खांसी आदि होने का अंदेशा बना रहता है। साथ ही शरीर में असमय झुर्रियां पड़ने लगती हैं और बाल भी झड़ने लगते हैं। इसका सेवन मसूड़ों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन सी सामान्यतया नींबू और इसके परिवार के फलों जैसे संतरा, मौसमी आदि में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवले का किसी भी रूप में सेवन करने पर शरीर को विटामिन सी की काफी प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह अमरूद, सेब, पपीता, शरीफा, पाइनएपल, अंगूर, टमाटर, शकरकंद, शलजम, गाजर आदि में भी पाया जाता है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-33904761674141165012017-12-13T08:35:00.001+05:302017-12-13T08:35:21.093+05:30सेहत और सौंदर्य के साथी हैं विटामिन्स<p dir="ltr">विटामिन-बी ::<br>
इसके सेवन से त्वचा स्वस्थ रहती है। साथ ही छाले, होंठों के कटे किनारे ठीक होते हैं। विटामिन बी मुंहासे दूर करने में भी सहायक है। इससे बालों में चमक आती है और बालों का झड़ना भी रुकता है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के साथ ही पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है। इसे हरी पत्तेदार सब्जियों, आटा, जौ, चावल, अंडा, फिश, दूध, दही, केला, अंगूर, नाशपाती, नारंगी, टमाटर, मूंगफली, किशमिश, प्याज, लहसुन आदि से प्राप्त किया जा सकता है। ( शेष: )</p>
<div class="blogger-post-footer">© Health Science.in</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4272313745652251284.post-1559613427747098202017-12-12T11:46:00.001+05:302017-12-12T11:46:43.456+05:30सेहत और सौंदर्य के साथी हैं विटामिन्स<p dir="ltr">हमारे शरीर को स्वस्थ रखने वाले कुछ प्रमुख विटामिन्स हैं,<br>
ए, बी, सी, डी, ई और के।</p>
<p dir="ltr">विटामिन-ए ::<br>
इसके सेवन से त्वचा खिली-खिली रहती है। साथ ही नाखून, बाल, हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है तथा मुंहासों से बचाव होता है। विटामिन ए के प्रमुख स्रोत हैं दूध, दही, मक्खन, क्रीम, पनीर, गाजर, टमाटर, अंडा, फिश आदि। यह पीले फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों से भी प्राप्त किया जा सकता है। ( शेष: )</p>
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