रोगों का खतरा ::
विभिन्न स्टडी बताती हैं कि लगातार ऎसा भोजन करते रहने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे मोटापा, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जो बच्चे ऎसी चीजें खाते हैं उनका दिमागी और शारीरिक विकास भी प्रभावित होता है, एकाग्रता में कमी, तनाव व पेट संबंधी तकलीफ होने लगती हैं।
घर का बना ::
जब घर पर इन्हें बनाएं तो मैदे की जगह आटा या रागी के आटे का प्रयोग करें। नमक, चीनी और अन्य मसाले सीमित मात्रा मे हों, सब्जियां ताजी हों। घर पर बनीं नूडल्स, चाट आदि को हफ्ते में दो बार खाया जा सकता है। ( शेष : )

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